******मरने के बाद यमदूत क्या सलूक करते है हमारे साथ******
- Sonu Thakur
- Jan 7, 2016
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बेडी की संगल बज्र के समान कठोर होती है | यमकिंकर क्रोध में भर कर उस बंधे हुए जीव को भलीभांति पीटते हुए ले जाते है |वह लड़खड़ा कर गिरता है ,रोता है और हाय बाप - हाय मैया ,हाय पुत्र कहकर बारम्बार चीखता चिलाता है | तो भी दूषित कर्म वाले उस पापी को वे तीखे शुलों , खड्ग और शक्ति के प्रहारों और वज्रमय भयंकर डंडों से घायल करके जोर जोर से डांटते है | कभी कभी तो एक एक पापी को अनेक यमदूत घेर लेते है |
ब्रह्मपुराण में पुण्यकर्मा मुनिओं तथा व्यास का संवाद है | उसी का कुछ अंश नीचे दिया जा रहा है | ये बहुत ही उपयोगी तथा पढ़ समझकर यथायोग्य आचरण में लाने योग्य है | मुनिओं के पूछने पर व्यास जी कहते है - पाश,सांकल और डंडे से भय पहुँचाने वाले . महाबली ,महाभयंकर,यमकिंकर,यम्रराज, की आज्ञा से प्राणियो की आयु समाप्त होने पर उन्हें लेने के लिए आतें है |वे उन्हें कालपाश में बांधकर पैरों में बेडी डाल देते है | वह मूर्छित हो कर इधर उधर गिरता है | तथापि वे यमदूत उसे घसीट कर ले जाते है | कंही भयभीत होते, कंही त्रास पाते , कंही लडखडाते और कंही दुःख से करुण क्रन्दन करते हुए उस मार्ग से जाना पड़ता है | यमदूत की फटकार से पड़ने से वे उव्दिग्र हो उठते है और भय से कांपने लगते है | मार्ग में कंही काटें बिछे होते है तो कंही कुछ दूर तक तपी हुई बालू मिलती है | इसलिए अच्छे कर्म करो |
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