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January 10, 2016
नासा के केपलर अंतरिक्ष यान ने 100 से अधिक एलियन ग्रहों का पता लगाया
वाशिंगटन: नासा के दुरुस्त किए गए ग्रह खोजी केपलर अंतरिक्ष यान ने ऐसे 100 से भी अधिक ग्रहों की पुष्टि की है, जो अन्य तारों की परिक्रमा कर रहे हैं। केपलर में हाल ही में कई मशीनी गड़बड़ियां आ गई थी। इसने अपने के-2 मिशन के दौरान एलियन ग्रहों का पता लगाया है।
अंतरिक्ष यान ने 'ट्रांजिट पद्धति' के जरिये ग्रहों का पता लगाया है। इस तकनीक के लिए अत्यधिक सटीक 'प्वाइंटिंग' की जरूरत होती है, जिस क्षमता को केपलर ने मई, 2013 में खो दिया था। हालांकि केपलर टीम ने शीघ्र ही दूरबीन को स्थिर कर दिया।
स्पेस डॉट कॉम की खबर के मुताबिक अंतरिक्ष यान ग्रहों और अन्य अंतरिक्षीय पिंडों की खोज के लिए अंतरिक्ष के विभिन्न हिस्सों में करीब 80 दिनों तक नजर रख सका। एरीजोना विश्वविद्यालय के एक खगोलविद इयान क्रॉसफील्ड ने बताया कि प्रथम पांच के-2 अभियानों में 100 से अधिक प्रमाणित ग्रहों का पता चला।
गौरतलब है कि केपलर को मार्च, 2009 में प्रक्षेपित किया गया था, जिसका उद्देश्य समूचे आकाशगंगा में पृथ्वी जैसे ग्रहों का पता लगाना है। यह अभियान सफल रहा है अब तक 1,000 से अधिक एलियन ग्रहों का पता चला है।
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January 10, 2016
चंद्रमा पर बस्ती बसाने की योजना 2030 तक बन सकती है हकीकत : विशेषज्ञ
लंदन: वैज्ञानिकों ने कहा है कि अंतरिक्ष यात्रियों और रोबोटिक प्रणालियों के सहयोग से चंद्रमा पर गांव बसाने की योजना साल 2030 तक हकीकत बन सकती है।
नीदरलैंड में हुए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की संगोष्ठी में वैज्ञानिकों, इंजीनीयरों और उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि 'चंद्र गांव', मंगल और अन्य ग्रहों के भावी मानव अभियानों के लिए एक संभावित प्रेरणा स्रोत बन सकता है।
अमेरिका स्थित नोट्रेडेम विश्वविद्यालय के क्लाइव नील ने कहा कि इस लक्ष्य को हकीकत में तब्दील करने के लिए वैज्ञानिकों को अवश्य ही पहले यह तय करना चाहिए कि क्या चंद्रमा पर संसाधन हमारी सोच के अनुसार महत्व रखते हैं।
उन्होंने कहा कि हम चंद्रमा के संसाधनों के बारे में बात करना जारी रखेंगे, लेकिन हमें अब भी यह दिखाने की जरूरत है कि क्या उनका इस्तेमाल हो सकता है।
नील ने कहा कि इसलिए सबसे पहले वहां उपलब्ध संसाधनों के आकार, संरचना, स्वरूप और एकरूपता को समन्वित रूप से प्रमाणित करने की जरूरत है। अगले कदम के तौर पर इनके खनन की तकनीक और परिशोधन के बाद उत्पाद को उपयोगी वस्तु के रूप में दिखाना होगा।
उन्होंने बताया कि ईएसए बैठक में चंद्रमा पर उतरने और रोबोटिक नमूने लाने आदि के बारे में प्रौद्योगिकी विकसित करने का जिक्र किया गया। उन्होंने कहा कि इसके लिए काफी निवेश करने और पहल करने की जरूरत होगी।
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January 10, 2016
तो भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमत होती एक मिनरल वॉटर बोतल से सस्ती
नई दिल्ली: वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की गिरती कीमत और रुपए-डॉलर विनिमय दर में ठहराव - इन दोनों का भारत पर इस तरह असर पड़ा है कि अब देश में तेल की कीमत एक मिनरल वॉटर की बोतल से ज्यादा सस्ती हो गई है। हालांकि पेट्रोल और डीज़ल की घरेलू कीमतों में गिरावट, वैश्विक दरों के साथ कदम नहीं मिला पा रही है क्योंकि सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए लगातार पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क का इज़ाफा कर रही है। मौजूदा वित्त वर्ष में तीसरी बार इस महीने के शुरुआत में एक बार फिर उत्पाद कर को बढ़ाया गया।
वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत गिरने से भारतीय ग्राहकों को कुछ खास फायदा नहीं पहुंचा है क्योंकि वैश्विक कीमतों में जहां 70 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है, वहीं भारत में पेट्रोल कीमतों में सिर्फ 20 प्रतिशत ही गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2015-16 में पेट्रोल पर बेसिक उत्पाद शुल्क 7.72 रुपए प्रति लीटर तक पहुंचा है, वहीं डीज़ल में यह 7.83 रुपए प्रति लीटर है। सरकार ने नवंबर 2014 से जनवरी 2015 के बीच पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क को चार कड़ियों में बढ़ाया है।
अगर सरकार इस शुल्क को नहीं बढ़ाती तो पेट्रोल में 10.02 रुपए प्रति लीटर और डीज़ल में 9.97 रुपए प्रति लीटर तक की गिरावट हो सकती थी। फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 59.35 रुपए प्रति लीटर है, वहीं डीजल 45 रुपए लीटर बेचा जा रहा है।
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January 10, 2016
जिन्होंने हमें दर्द दिया, उन्हें भी दर्द महसूस करवाएंगे : पठानकोट हमले पर मनोहर पर्रिकर
नई दिल्ली: नए साल में पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हुए आतंकवादी हमले के बारे में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को कहा, "जिन्होंने हमें नुकसान पहुंचाया है, उन्हें भी दर्द महसूस करना होगा, और उसके लिए वक्त व जगह भी हम तय करेंगे..."
एक सेमिनार के दौरान रक्षामंत्री ने कहा कि जब तक बराबर का दर्द दुश्मन को नहीं दिया जाएगा, वह हमें और हमारे देश को इसी तरह दर्द देता रहेगा। गौरतलब है कि नए साल के पहले ही हफ्ते में हुए इस आतंकवादी हमले में सात जवान शहीद हुए थे, और 20 घायल हुए।
भारत का दावा है कि इस हमले को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया। यह भी गौरतलब है कि हमले से एक ही हफ्ते पहले क्रिसमस के मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी तयशुदा कार्यक्रम के अचानक लाहौर पहुच गए थे, और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ से मुलाकात की थी। हमले के बाद पीएम मोदी ने शरीफ से यह भी कहा कि भारत दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई चाहता है।
भारत द्वारा पठानकोट हमले के संदर्भ में पाकिस्तान को सौंपे गए सबूतों में उन फोन कॉलों की रिकॉर्डिंग शामिल है, जो आतंकवादियों ने पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों को की थीं। इसके अलावा आतंकवादियों के कब्जे से बरामद हथियार और गोला-बारूद भी पाकिस्तान में बना हुआ पाया गया है।
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January 10, 2016
वाघा सीमा पर बीटिंग रीट्रिट में पाकिस्तान की तरफ से पहली बार शामिल हुआ सिख रेंजर
लाहौर: वाघा सीमा पर पारंपरिक बीटिंग रीट्रिट में पहली बार एक सिख पाकिस्तानी रेंजर ने हिस्सा लिया। इसमें भारतीय और पाकिस्तानी बल भाग ले रहे थे।
डॉन न्यूज की खबर के मुताबिक, सीमा के दोनों ओर के लोगों ने सिख रेंजर अमरजीत सिंह के समारोह के लिए आने पर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ स्वागत किया। अमरजीत ननकाना साहिब के रहने वाले हैं। समझा जाता है कि पाकिस्तान सेना में शामिल होने वाले वह सिख समुदाय से पहले व्यक्ति हैं।
अखबार ने बताया कि अमरजीत ने कहा है कि पाकिस्तान सेना का हिस्सा होकर उन्हें गर्व महसूस हो रहा और राष्ट्र के लिए जान न्यौछावर कर उन्हें खुशी होगी।
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January 10, 2016
क्या है नेताजी के विमान हादसे का सच, ब्रिटिश वेबसाइट ने किया खुलासा
लंदन: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आखिरी दिनों का ब्योरा जारी करने के लिए शुरू की गई एक ब्रिटिश वेबसाइट ने विस्तृत जानकारी दी है। वेबसाइट ने दावा किया है कि यह 18 अगस्त, 1945 को ताइवान में हुई उस विमान दुर्घटना के दिन के बारे में प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा दी गई जानकारी है, जिसमें नेताजी कथित तौर पर मारे गए थे।
नए दस्तावेजों में उन कई लोगों का हवाला दिया गया है, जो दुर्घटना से जुड़े मामले में शामिल थे। इसमें दो ब्रिटिश खुफिया रिपोर्टें भी शामिल हैं, जो तथ्यों को स्थापित करने के लिए दुर्घटना स्थल का दौरा करने के बाद तैयार की गईं।
वेबसाइट ने उस पर भी प्रकाश डाला है, जो स्वतंत्रता सेनानी के आखिरी शब्द रहे होंगे और वे भारत की आजादी के लक्ष्य के प्रति उनके समर्पण को जाहिर करते हैं। बोसफाइल्स डॉट इंफो द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, 70 बरसों से यह संदेह रहा है कि क्या ऐसी कोई दुर्घटना हुई थी। चार अलग-अलग रिपोर्टों में एक-दूसरे के उलट साक्ष्य हैं।
दस्तावेजों में कहा गया है कि 18 अगस्त, 1945 की सुबह जापानी वायुसेना के एक बमवषर्क विमान ने वियतनाम के तूरान से बोस और 12-13 अन्य यात्रियों तथा चालक दल के सदस्यों के साथ उड़ान भरी। विमान में जापानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल टी. शीदेई भी सवार थे। विमान का मार्ग हेतो-ताईपे-डेरेन-टोक्यो था।
तीन-सदस्यीय नेताजी जांच समिति का गठन भारत सरकार ने 1956 में किया था और इसके अध्यक्ष नेताजी की आजाद हिंद फौज के मेजर जनरल शाह नवाज खान थे।
समिति को बताया गया कि चूंकि मौसम ठीक था और इंजन सुचारू रूप से काम कर रहे थे, इसलिए पायलट ने हेतो के ऊपर से और सीधे ताईपे जाने का फैसला किया, जहां सुबह या दोपहर तक पहुंचा जाता।
जापानी एयर स्टाफ ऑफिसर और यात्रियों में शामिल मेजर तारो कोनो ने समिति को बताया, मैंने पाया कि बायीं ओर के इंजन ठीक से काम नहीं कर रहे थे। इसलिए मैं विमान के अंदर गया और अंदर में इंजन की जांच करने के बाद मैंने पाया कि यह ठीक से काम रहा। उन्होंने बताया कि साथ में मौजूद इंजीनीयर ने भी इंजन की जांच की।
हवाई अड्डे पर रखरखाव प्रभारी इंजीनीयर कैप्टन नाकामुरा उर्फ यामामोतो ने मेजर कोनो के साथ सहमति जताई कि बायीं ओर के इंजन में गड़बड़ी है। यामामामोतो ने कहा कि पायलट ने उनसे कहा कि यह एक नया इंजन है। उन्होंने कहा कि इंजन की गति धीमी करने के बाद पायलट ने करीब पांच मिनट के लिए इसे एडजस्ट किया। इंजन को मेजर तकीजावा (पायलट) ने दो बार जांचा। एडजस्ट करने के बाद मैंने खुद को संतुष्ट किया कि इंजन की स्थिति ठीक है। मेजर तकीजावा ने इस बात से भी मेरे साथ सहमति जताई कि इंजन में कुछ गड़बड़ी नहीं है। हालांकि, बोस के एडीसी और एक सह यात्री कर्नल हबीब उर रहमान के मुताबिक कुछ ही देर बाद एक जबरदस्त विस्फोट हुआ।
जमीन पर से देख रहे नाकामुरा ने कहा, उड़ान भरने के ठीक बाद विमान अपनी बाईं ओर झुक गया और मैंने विमान से कुछ गिरते देखा, बाद में मैंने पाया कि वह प्रोपेलर था।’’ उन्होंने यह भी बताया कि विमान 30 से 40 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचा था। उन्होंने अनुमान लगाया कि कंक्रीट की हवाईपट्टी से करीब 100 मीटर की दूरी पर विमान दुर्घटना हुआ और तुरंत ही इसके अगले हिस्से में आग लग गई।
कर्नल रहमान ने बताया, नेताजी मेरी ओर मुड़े। मैंने कहा, आगे से निकलिए, पीछे से रास्ता नहीं है। उन्होंने बताया, हम प्रवेश द्वार से नहीं निकल सके, क्योंकि यह पैकेज और अन्य चीजों से बंद था। इसलिए नेताजी आगे से बाहर निकले, दरअसल वह आग से होकर दौड़े। मैं आग की उन्हीं लपटों में उनके पीछे-पीछे था। उन्होंने बताया, जब मैं बाहर निकला तो मैंने उन्हें अपने से 10 यार्ड आगे, खड़े, विपरीत दिशा से मुझे देखते हुए देखा। मैं दौड़ा और मुझे उनके बुश शर्ट बेल्ट को खोलने में बड़ी मुश्किल हुई। उनकी पतलून में ज्यादा आग नहीं लगी थी और उसे निकालना जरूरी नहीं था। रहमान उनी कपड़े पहने हुए थे, जबकि बोस सूती खाकी पहने हुए थे, जिसके चलते उसमें आसानी से आग लग गई।
रहमान ने बताया, मैंने उन्हें जमीन पर लिटाया और पाया कि उनके सिर पर कटने का एक गहरा निशान है, शायद यह बायीं ओर था। उनका चेहरा झुलस गया था और उनके बाल भी आग से झुलस गए थे। उन्होंने बताया, नेताजी ने मुझसे हिन्दुस्तानी में कहा- आपको ज्याद तो नहीं लगी? मैंने जवाब दिया कि मुझे लगता है कि मैं सही सलामत हूं। अपने बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि वह नहीं बच पाएंगे।
बोस ने कहा, जब अपने मुल्क वापस जाएं, तो मुल्क के भाइयों को बताना कि मैं आखिरी दम तक मुल्क की आजादी के लिए लड़ता रहूंगा, वे जंग-ए-आजादी को जारी रखें। हिन्दुस्तान जरूर आजाद होगा, उसे कोई गुलाम नहीं रख सकता। विमान में मौजूद लेफ्टिनेंट शिरो नोनोगाकी ने कहा, विमान दुर्घटना के बाद जब मैंने पहले नेताजी को देखा तो वह विमान के बाएं पंख के किनारे के पास कहीं खड़े थे। उनके कपड़ों में आग लगी हुई थी और उनके सहायक (कर्नल रहमान) उनका कोट उतारने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि रहमान, नोनोगाकी, कोनो, तकाहाशी और नाकामुरा द्वारा मुहैया किए गए ब्योरे में विसंगति है। उन्होंने दुर्घटना के 11 साल बाद साक्ष्य दिए।
वेबसाइट ने बताया कि लेकिन उनके बयानों से दुर्घटना होने और इसके परिणामस्वरूप बोस के गंभीर तौर पर झुलसने के तथ्य के बारे में कोई दो राय नहीं है। नेताजी को पास को गंभीर हालत में नानमोन मिलिट्री अस्पताल ले जाया गया। सितंबर, 1945 में भारत स्थित ब्रिटिश अधिकारियों ने बोस का अता-पता लगाने तथा संभव हो तो उन्हें गिरफ्तार करने के लिए खुफिया टीमें भेजी। इसके बजाय वे दुर्घटना की कहानी के साथ लौटे।
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January 10, 2016
भारत में महंगी हुई Honda की कारें, कंपनी ने किया कीमतों में इज़ाफा
जापान की कार कंपनी Honda ने भारत में अपनी सभी कारों की कीमतों में इज़ाफा करने का फैसला किया है। ये इज़ाफा 10 हज़ार रुपये तक का किया गया है। कंपनी ने बढ़ती लागत का हवाला देते हुए कीमत बढ़ाने का ऐलान किया है।
इससे पहले Maruti Suzuki, Hyundai, Renault, Nissan सहित कई कंपनियों ने भी नए साल में अपनी कारों की कीमत बढ़ाने का ऐलान कर दिया था। बाकी कंपनियों ने भी कीमत में इज़ाफे के लिए बढ़ती लागत का ही हवाला दिया था।
Honda ने ये बढ़ोतरी 2 हज़ार रुपये से लेकर 10 हज़ार रुपये तक की है। Honda Brio की कीमत में 2,000 रुपये का इज़ाफा किया गया है। इस कार की दिल्ली में एक्स-शोरूम कीमत 4.27 लाख रुपये से लेकर 6.85 लाख रुपये तक है।
कंपनी ने अपनी प्रीमियम हैचबैक Jazz की कीमत में 4,800 रुपये का इज़ाफा किया है। इस कार की दिल्ली में एक्स-शोरूम कीमत 5.45 लाख रुपये से लेकर 8.73 लाख रुपये तक है।
कंपनी की MPV सेगमेंट की कार Honda Mobilio और मिड-साइज सेडान Honda City की कीमत में 3,000 रुपये का इज़ाफा किया गया है। इन दोनों कारों की कीमत 6.82 लाख रुपये से लेकर 11.95 लाख रुपये (एक्स-शोरूम, दिल्ली) तक है। वहीं, Honda CR-V की कीमत में 10,000 रुपये का इज़ाफा किया गया है। इस एसयूवी की कीमत अब 25.23 लाख रुपये (एक्स-शोरूम, दिल्ली) हो गई है।
Honda के अलावा Toyota ने भी कीमतों में 31,500 रुपये तक का इज़ाफा किया है। वहीं, Skoda ने 1 जनवरी से ही अपनी कारों की कीमत में 33,000 रुपये तक का इज़ाफा कर दिया है।
ठीक इसी तरह Tata ने अपनी कारों की कीमत में 20,000 रुपये तक का इज़ाफा किया है। ये अक्सर देखा गया है कि नवंबर और दिसंबर में कंपनी अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों में इज़ाफे का ऐलान करती है।
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January 07, 2016
धार्मिक स्थलों पर लगेगा इनकम टैक्स!
नई दिल्ली। मंदिर, मस्जिद हो या गुरुद्वारा या चर्च। इन धार्मिक स्थलों पर भी इनकम टैक्स लगाया जाए। जी हां, ये सुनने में भले ही मुश्किल फैसला लगे। लेकिन सीएनबीसी-आवाज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक सचिवों के समूह कुछ ऐसे ही बड़े सुझाव प्रधानमंत्री को दे सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने पिछले हफ्ते सचिवों के 8 समूह बनाए थे जिन्हें बड़े बदलाव के लिए सुझाव देने हैं। इनमें से कई सुझावों को बजट में भी शामिल किया जा सकता है। सचिवों के समूह ने धार्मिक स्थलों को भी इनकम टैक्स के दायरे में लाने का सुझाव दिया है। लिहाजा मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च पर भी इनकम टैक्स लगाया जा सकता है।
सूत्रों का कहना है कि सचिवों के समूह ने सेल्स टैक्स, सर्विस टैक्स और वैट चुकाने पर ग्राहकों को रियायत दिए जाने का सुझाव भी दिया है। साथ ही सचिवों के समूह ने बगैर रसीद के सामान की बिक्री पर लगी रोक का सख्ती से पालन करने का सुझाव दिया है। पिछली तारीख से मैट और डीडीटी जैसे टैक्स ना लगाए जाने का सुझाव दिया गया है। 10,000 रुपये से ज्यादा लेन-देन नकद में नहीं करने का सुझाव दिया गया है।
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January 07, 2016
भारत-फ्रांस सैन्य अभ्यास ‘शक्ति-2016’ आज से होगा शुरू
नई दिल्ली। भारतीय और फ्रांसीसी सैनिक आज से आठ दिवसीय आतंकवाद विरोधी साझा अभ्यास की शुरूआत करेंगे। ‘शक्ति-2016’ में भाग लेने के लिए फ्रांस के सातवीं आर्म्ड ब्रिगेड के 35वीं इंफेंटरी रेजीमेंट के 56 कर्मी जोधपुर पहुंचे थे। मेजर थिबाउत दी लाकोस्ते लारेमोंडे के नेतृत्व वाला फ्रांसीसी दल बृहष्पतिवार महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में पहुंचा। यंहा पहुचंने पर भारतीय सैन्य जवानों और अधिकारियों द्वारा उनका पारंपरिक रुप से तिलक लगाकर स्वागत किया गया।
भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि यह अभ्यास दोनों सेनाओं के साथ आने और एक दूसरी अनुभवों से सीखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभ्यास के लिए भारतीय सेना की ओर से गढ़वाल रायफल्स की दूसरी बटालियन को नामित किया गया है। फ्रांस की सातवीं आर्म्ड ब्रिगेड की 35वीं इंफेन्ट्री रेजीमेन्ट के 56 सैनिकों के दल का नेतृत्व मेजर थीबू ड्यूलैकॉस्ट लाहेमॉंड्यू कर रहे हैं। यह अभ्यास आठ जनवरी से 16 जनवरी तक होगा।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा ने बताया कि भारत-फ्रांस संयुक्त आतंकवाद निरोधक अभ्यास एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे दोनों देशों की सेनाओं को संयुक्त रूप से प्रशिक्षण और अति अहम ऑपरेशनल अनुभव का फायदा होगा। दोनों देशों की सेना आतंकवाद के खिलाफ आतंकवाद प्रभावित इलाकों में तैनात हैं और यही बात इस युद्धाभ्यास को अधिक आवश्यक और महत्वपूर्ण बनाती है। दोनों देश अपने ऑपरेशनल अनुभव को आपस में सांझा करके इस अभ्यास को सफल बनाएंगे।
ओझा ने बताया कि सप्त शक्ति कमांड के अधीन द्वितीय गढ़वाल राइफल्स को इस युद्धाभ्यास के लिए नियुक्त किया गया है। इस अभ्यास के लिए इस यूनिट ने कठिन प्रशिक्षण लिया है जिसमें फायरिंग, सामरिक आपरेशन व हैली-बोर्न संचालन आदि शामिल हैं। इस पलटन को आतंकवाद प्रभावित इलाके में कारगर आतंकवादी प्रतिरोधी सेवा का अनुभव है। इस यूनिट को अच्छे सेना आदेश व अनुशासन का पालन करने, आतंकवाद पर काबू रखने और उत्तरी इलाके की सीमा में शांति बनाए रखने के लिए एक बार सेनाध्यक्ष यूनिट प्रशंसा पत्र और दो बार जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ उत्तरी कमान यूनिट प्रशंसा पत्र से नवाजा गया है।
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January 07, 2016
नासा ने खोजे जुड़वां तारे, सूरज से भी ज्यादा हैं चमकीले
वॉशिंगटन। अमेरिका की अंतरिक्ष एंजेसी नासा ने हबल और स्पिट्जर टेलीस्कोप के अभिलेखीय आंकड़ों की सहायता से अन्य आकाशगंगा में पहली बार सुपर स्टार 'एटा कैरिने' के जुड़वा तारों की खोज की है। 'एटा कैरिने' सबसे चमकीली और बड़े पैमाने की तारकीय प्रणाली है, जो 19वीं सदी के मध्य खोजी गई थी। अब नासा ने इसी के स्वरूप की खोज की है। करीब सात हजार पांच सौ प्रकाश वर्ष की दूरी के दक्षिणी तारामंडल में स्थित एटा कैरिने सूर्य से पांच करोड़ गुना अधिक प्रकाशमय है। इस अध्ययन के मुख्य शोधार्थी और नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के वैज्ञानिक रुबाब खान ने बताया कि सबसे विशाल सितारे हमेशा दुर्लभ होते हैं, लेकिन यह अपनी मेजबान आकाशगंगाओं पर जबरदस्त प्रभाव डालते हैं।
उच्च द्रव्यमान के सितारों के अध्ययन के अनुसार, एटा कैरिने का खगोलीय मापदंड अनोखा है। वह 1840 के दशक में हुए विस्फोट के बाद अस्तित्व में आया था। रुबाब खान ने एक प्रकार का ऑप्टिकल और अवरक्त फिंगरप्रिंट विकसित किया है, जो जुड़वां एटा कैरिने की पहचान कर सकता है।
वर्ष 2015 के सर्वेक्षण का आकलन करते हुए वैज्ञानिकों को इस दल ने एम83 नामक आकाशगंगा में दो प्रकार के जुड़वां एटा कैरिने तारों की खोज की है। आगे के अध्ययनों में खगोलविद इनके भौतिक गुणों का अच्छे से निर्धारण करेंगे।
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January 06, 2016
भारत के पहले मुस्लिम गृह मंत्री थे मुफ्ती मोहम्मद सईद
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद का 79 वर्ष की उम्र में आज एम्स में देहांत हो गया। फेफड़ों में संक्रमण के कारण वे पिछले दो हफ्तों से अस्पताल में भर्ती थे। भाजपा के साथ गठबंधन कर बनाई थी राज्य में सरकार इसी वर्ष दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले सईद की पार्टी पीडीपी ने इन विधानसभा चुनावों में अच्छी-खासी सीटें जीती थीं, लेकिन वह सरकार बनाने में असमर्थ थे। इस वजह से उन्हें राज्य में सरकार गठन के लिए उन्हें वैचारिक रूप से विपरीत भाजपा के साथ गठबंधन करना पड़ा।कांग्रेस छोड़कर वीपी सिंह के साथ गए थे सईद दशकों तक कश्मीर में कांग्रेस का चेहरा रहे। साल 1983 में उन पर नेशनल कॉन्फ्रेंस में फूट गढ़ने और फारूख अब्दुल्ला सरकार को गिराए जाने के आरोप लगे। लेकिन फारूख अब्दुल्ला और राजीव गांधी ने साल 1987 का चुनाव साथ मिलकर लड़ा, लेकिन बाद में वे कांग्रेस छोड़ वीपी सिंह के साथ शामिल हो गए।बाद में किया था पीडीपी का गठन 1989 में वीपी सिंह की सरकार में वे देश के पहले मुस्लिम गृह मंत्री बने। उनके कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर में विवादास्पद आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट लागू किया गया था कि यह उनके कार्यकाल के दौरान किया गया था। हालांकि उनके दिल्ली के शख्स होने का टैग और कश्मीर के सबसे बड़े नेता शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के खिलाफ खड़े होने के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद की छवि तब बदली जब उन्होंने राज्य के लिए स्व-शासन या सीमित संप्रभुता के एक नरम अलगाववादी एजेंडे के साथ पीडीपी का गठन किया। पार्टी के गठन के तीन साल के भीतर दल ने साल 2002 के विधानसभा चुनावों में घाटी में 16 सीटें जीतीं।
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January 06, 2016
जम्मू-कश्मीर: हमले की फ़िराक़ में घुसे लश्कर के 4 आतंकी | गुरदासपुर: सेना की वर्दी में दिखे संदिग्ध
जम्मू: पठानकोट हमले में शामिल आतंकियों के मारे जाने के बाद भी ख़तरा पूरी तरह से टला नहीं है। खूफिया सूत्रों के मुताबिक, लश्कर के चार आतंकी जम्मू-कश्मीर के इलाक़े में हमले के इरादे से घुस आए हैं। आईबी के सूत्रों के मुताबिक, लश्कर के चार आतंकी जम्मू-कश्मीर में घुस आए हैं और हमले की फिराक में हैं, जबकि घाटी में मौजूद आतंकियों को भी उनके आकाओं ने हमले तेज़ करने के आदेश दिए हैं।
दूसरी तरफ़ अनंतनाग में आतंकियों ने सीआरपीएफ के कैंप के पास ग्रेनेड से हमला किया, लेकिन निशान चूक जाने की वजह से ये ग्रेनड गेट से बाहर ही गिर गया और किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ।
तीसरी घटना गुरदासपुर की है, जहां कुछ ग्रामीणों ने दो संदिग्ध लोगों को सेना की ड्रेस में घूमते देखा है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने इलाक़े की छानबीन शुरू कर दी है। सर्च ऑपरेशन के लिए सेना की भी मदद ली जा रही है।
पठानकोट हमले के बाद कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों के नए दौर की जो शुरुआत हुई थी उस पर इन हमलों का क्या असर पड़ेगा।
इस बीच एनडीटीवी को टॉप सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है, जिसके मुताबिक इस हमले का मास्टर माइंड जैश का मसूद अज़हर है और हमले के दौरान जैश के हैंडलर आतंकियों को निर्देश दे रहे थे। ये हैंडलर बहावलपुर, सियालकोट और शकरगढ़ में मौजूद थे, जबकि आतंकियों को ट्रेनिंग चकलाला और लायलपुर में दी गई थी। जानकारी ये भी है कि आतंकियों के पास जो हथियार थे वो खासकर एयरबेस पर हमले को ध्यान में रखकर बनाए गए थे।
इधर, NIA ने पठानकोट हमले की जांच शुरू कर दी है, जिसमें आतंकियों के एयरबेस तक पहुंचने से लेकर अगवा किए गए एसपी सलविंदर सिंह की भूमिका तक शामिल है।
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January 06, 2016
कालाधन : सरकार ने 644 इकाइयों से 2,428 करोड़ रुपये का कर वसूला
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली: कालेधन की घोषणा की एकबारगी अनुपालन खिड़की के तहत सरकार ने 2,428.4 करोड़ रुपये का कर वसूला है। पिछले साल संपन्न हुई इस अनुपालन खिड़की के तहत विदेशों में कालाधन रखने वालों द्वारा अपनी अघोषित संपत्ति के बारे में 600 से अधिक घोषणाएं की गईं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बयान में कहा कि उसे यह राशि कर और जुर्माने के रूप में 31 दिसंबर तक मिली है। बयान में कहा गया है कि इसके तहत जुटाई गई राशि में कुछ ‘कमी’ रही है क्योंकि कुछेक मामलों में कर अधिकारियों को उसकी पहले से जानकारी थी जिससे इस तरह की घोषणा मान्य नहीं रही, वहीं कुछ अन्य में भुगतान 31 दिसंबर के बाद मिला।
बयान में कहा गया है कि नए कालाधन रोधक कानून के तहत प्रदान की गई अनुपालन खिड़की सुविधा 30 सितंबर, 2015 को बंद हुई। इस दौरान कुल 4,164 करोड़ रुपये के कालेधन के बारे में 644 घोषणाएं की गईं। बेहिसाबी धन के बारे में घोषणा करने वालों को घोषित राशि पर 30 प्रतिशत कर और 30 प्रतिशत जुर्माना 31 दिसंबर, 2015 तक चुकाना था। कर और जुर्माने के रूप में 31 दिसंबर, 2015 तक कुल 2,428.4 करोड़ रुपये की राशि मिली।
अधिकारियों ने कहा कि 31 दिसंबर के बाद प्राप्त भुगतान को जोड़ने के बाद संभावना है कि यह राशि कुछ बढ़ सकती है। इन 644 घोषणाओं में से कुछ मामलों में विभाग ने घोषणा को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उसके पास अमुक मामले की पहले से आधिकारिक चैनल के माध्यम से सूचना थी और वे इसका इस्तेमाल कम सजा के दावे के लिए नहीं कर सकते।
नया कालाधन कानून (अघोषित विदेशी आय और आस्ति कर अधिरोपण) कानून 2015, 1 जुलाई, 2015 को प्रभाव में आया था। इस कानून के तहत एकबारगी अनुपालन खिड़की की पेशकश की गई थी जिसके जरिये विदेशों में अघोषित धन रखने वाले व्यक्ति इसकी घोषणा कर सकते हैं। और इस पर कर तथा जुर्माने का भुगतान करके पाक साफ हो सकते हैं। यह खिड़की सरकार द्वारा सिर्फ एक बार की सुविधा के रूप में प्रदान की गई थी।
जिन लोगों अथवा कंपनियों ने इस खिड़की का लाभ उठाते हुए कालेधन की घोषणा नहीं की है तो उनके पकड़ में आने के बाद 120 प्रतिशत कर और जुर्माना अदा करना होगा। साथ ही उन्हें दस साल तक जेल की सजा भी हो सकती है।
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January 06, 2016
गाड़ियों से होने वाले वायुप्रदूषण के खिलाफ भारत ने की ये कठोर तैयारी
नई दिल्ली: देश में लोगों की सांसों के लिए खतरा बनते जा रहे वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार एक कठोर कदम उठाने जा रही है। भारत में अभी कारें बीएस-4 उत्सर्जन मानकों पर चलती हैं, लेकिन अब सरकार ने बीएस-5 की बजाए अप्रैल 2020 तक बीएस-6 उत्सर्जन मानकों को लागू करने का निर्णय लिया है। बता दें कि इसके लिए पिछले ही महीने अंतिम तारीख 2021 की तय की गई थी और अब सरकार इसे एक साल पहले ही लागू करने जा रही है।फिलहाल पूरे उत्तर भारत में बीएस-4 इंधन की आपूर्ति होती है, जबकि देश के अन्य हिस्सों में अब भी भारत स्टेज-3 ग्रेड का ही इस्तेमाल हो रहा है। अब सरकार ने निर्णय लिया है कि स्टेज 5 को अपनाने की बजाय भारत सीधे स्टेज-6 को अपनाएगा।परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है, 'भारत में कार बनाने वाली ज्यादातर कंपनियां यूरो-6 के अनुरूप इंजन बना रही हैं और उनका निर्यात भी कर रही हैं। उनके पास तकनीक है और 2020 तक का समय भी है।' भारत स्टेज-6 भी यूरो-6 उत्सर्जन मानकों के बराबर ही है।पेट्रोलियम मंत्रालय ने भरोसा दिलाया है कि वे बीएस-6 उत्सर्जन मानकों पर ईंधन की सप्लाई करने को तैयार हैं। इसके लिए देश की दो-तिहाई सरकारी रिफायनरियों को अपग्रेड करने की जरूरत होगी और इस पर करीब 60 हजार करोड़ का खर्च आएगा।सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के अनुसार बीएस-6 में जाने पर डीजल कारों से 68 फीसदी और पेट्रोल कारों से 25 फीसदी तक नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन कम हो जाएगा। यही नहीं डीजल कारों से कैंसर पैदा करने वाले कणों (PM) का उत्सर्जन भी अभूतपुर्व तरीके से 80 फीसदी कम होगा।सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की अनुमिता रॉय चौधरी कहती हैं, 'सरकार का यह फैसला पूरी बाजी ही पलट देगा। यह पहल बहुत जरूरी थी, क्योंकि हम यूरोप से 10 साल पीछे हैं। इससे न सिर्फ भारत में मोटरीकरण के द्वारा लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे असर को कम करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह जलवायु पर भी सकारात्मक असर डालेगा।'2020 ही वो साल भी है जब पेरिस जलवायु समझौता प्रभाव में आएगा। हाल ही में पिछले साल दिसंबर में भारत ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और उस साल पहली पंच वर्षीय अनुपालन रिपोर्ट दायर की जाएगी। इस खबर के बाद कार कंपनियों की तरफ से मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है।टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरमैन विक्रम किर्लोस्कर ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'सोसाइटी चाहती है कि हम भारत स्टेज-6 में जाएं। एक कंपनी के तौर पर हम इन नए मानदंड़ों को पूरा करने की हर संभव कोशिश करेंगे। हमारा सिर्फ एक ही मुद्दा है कि सरकार अपने निर्णय पर कायम रहे, बदले नहीं।'मर्सिडीज बेंज ने एनडीटीवी से कहा, 'हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं। हमें इसे और जल्दी लागू करने की तरफ ध्यान देना चाहिए। हमारे पास तो यूरो-6 वाहन पहले से ही तैयार हैं।'दिल्ली में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है और यहां की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी चाहती है कि बीएस-6 को 2017 तक लागू कर दिया जाए। केंद्र सरकार दिल्ली सरकार की मांग को तो नजरअंदाज कर सकती है, लेकिन उसे सुप्रीम कोर्ट में तो जवाब देना ही पड़ेगा, जिसने मंगलवार को ही पूछा है कि बीएस-6 को 2019 तक क्यों नहीं लागू किया जा सकता।
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