top of page

Maa Chamunda (Nashala)

  • Dinesh Katoch
  • Jan 1, 2016
  • 3 min read

माता चामुंडा नशाला एक बड़ी शक्ति आज मैं आपको नशाला गाँव की बात बताता हूँ | यंहा माता चामुण्डा का पुराना मंदिर है | माता का मंदिर रोड के साथ में है| यंहा माता का मंदिर देवदार के बड़े बड़े पेड़ो के बीच में है | आप नीचे फोटो में देख सकते हो कि माता का मंदिर बर्फबारी के दौरान कैसा दिखता है माँ चामुंडा के मंदिर का बहुत ही सुन्दर नजारा माँ चामुंडा के मंदिर का बहुत ही सुन्दर नजारा माता चामुंडा की महिमा की वजह से बहुत दूर दूर से लोग माता के दरवार में माता के दर्शन के लिए आते है | मैं खुद माँ का भक्त हूँ | यंहा कई लोगो को माता ने अपने चमत्कार भी दिखाए है | हर बर्ष यंहा हजारो लोग माता के दर्शन के लिए आते है | माता यंहा आने वाले सभी लोगो की मन्नत पूरी करती है | माँ चामुंडा की अतिसुन्दर पालकी जिन लोगो के बच्चे नहीं होते वो लोग भी यंहा अपनी मन्नत ले कर आते है और सब अपनी मुराद पूरी करके ही जाते है किसी की मन्नत पूरी होने में वक्त लगता है | मैं आपको कुछ साल पहले की बात बताता हूँ | एक बार वंहा इंडियन आर्मी के जवान ट्रेनिंग के लिए आये थे | उन्होंने माता के आँगन में अपने टेंट गाड़े माता के उस स्थान पर लोहे के कीलें लगाना सख्त मना है | ये बात गाँव के लोगो ने आर्मी ऑफिसर को बताई पर उन्होंने अंधविश्वास और फालतू वकवास मान कर इस बात को इग्नोर किया | उस दिन किसी देव कारवाई के लिए माता की पालकी भी निकाली थी | पालकी देख आर्मी ऑफिसर बोले तुम लोग पालकी को उठाकर खुद हिलाते हो | इस लकड़ी की पालकी में कुछ चादर और मोहरे लगा कर थोड़े ही इसमें कोई शक्ति आएगी | माँ चामुंडा संग माता के भक्त आप लोग हट जाओ हम लोग पालकी को उठाते है | तुम लोग फ़ालतू के अंधविश्वास पालते हो | इस पालकी में कोई शक्ति नहीं | ये कहते हुए उनमे से दो जवानो ने माता की पालकी उठाई | जैसे ही उन दो जवानो ने पालकी उठाई माता ने उनहे अपनी शक्ति दिखाई । जैसे ही उन्होंने पालकी उठाई माता ने उन्हें अपने इशारे पर चलाना शुरू किया पहले तो माता उन्हें तिलाशाडनी नाम के गाँव तक ले गयी जो कि एक पहाड़ी की छोटी पर है वंहा से माता उन्हें फिर नीछे लाने के बाद उन्हें गाँव के निचले हिस्से में ले गयी जहाँ लोगो के धान लगाने के खेत है | वहां से माता उन्हें फिर उसी स्थान पर ले आई जहाँ से उन्होंने पालकी उठाई थी | उन्हें समझ आ गया था की पालकी में सच में ही शक्ति होती है लोग इसे खुद नहीं हिलाते बल्कि माता अपनी शक्ति से पालकी को हिला कर लोगो को संकेत देती है की क्या करना है और क्या नहीं | नशाला माता चामुण्डा संग पीणी माता भागासिद्ध ये सब बात समझ जाने के बाद आर्मी ऑफिसर ने वंहा से टेंट हटाने लगे थे इस पर गाँव के लोगो ने कहा की आप टेंट लगाओ आपको माता मना नहीं करती कि टेंट माता लगाओ बल्कि माता ये कह रही है कि यंहा लोहे की किले जमीन में टेंट टिकाने के लिए मत लगाओ | आप लोहे की किलों की जगह लकड़ी की किलों का इस्तेमाल करो | तब आर्मी जवानो ने वंहा अपने टेंट लगाए उन्होंने वंहा लोहे की किलों की जगह लकड़ी की किलों का इस्तेमाल किया | मैं आपको वहां घटित कुछ साल पहले की बात बताता हूँ नशाला गाँव के आस पास के किसी गाँव में एक आदमी के पास एक कड़ाह {अक बड़ा सा बर्तन जिसमे यंहा शादियो में चावल बनाए जाते है } थी | जिसको किसी राक्षस की नजर लग गयी थी उसकी की वजह से उस कड़ाह में आवाज होने लगी और उसके परिवार के लोग मरने लगे | इस बात को लेकर उसने माता चामुण्डा से प्रार्थना करते हुए कहा कि उसकी और उसके परिवार की रक्षा करे | तब माता ने उसे उस कड़ाह को मंदिर में लाने को कहा और उसे मंदिर के पास देवदार के एक बड़े पेड़ में लटकाने को कहा | माता के कहे अनुसार उसने वैसा ही किया | उसी दिन वहां लगघाटी की माता भागासिद्ध आ रही थी | माता भागासिद्ध जैसे ही नशाला गाँव के निचले हिस्से देठी {गाँव के निचले हिससे का नाम } पहुचीं वैसे ही वो कड़ाह माता की शक्ति से जल कर राख हो गयी | कुछ लोग तो बोलते है जब वो कड़ाह जली तो उसकी राख तक नीचे जमीन तक नहीं पहुँच पायी सब हवा में खतम हो गया था | जय हो माँ चामुण्डा , जय हो माँ भागासिद्ध हम सब की रक्षा ऐसे ही करते रहना |


Comentarios


Featured Posts
Recent Posts
Archive
Search By Tags
Follow Us
  • Facebook Basic Square
  • Twitter Basic Square
  • Google+ Basic Square

Call us:-

 1.+919736204494
 2.+918988387382

  • fb
  • twitter_102300
  • icon175x175

Follow us on

 

© 2015 by @2g Upper Valley Proudly Created With View Kullu-Manali
 

@view-kullumanali

 

bottom of page